साल 2018 सफीन ने की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल करके आईपीएस ऑफिसर बन गए। और आज वह गुजरात में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के पद पे तैनात हैं।
उनकी आईपीएस बनने की कहानी उस दिन शुरू हुई, जब उनके प्राइमरी स्कूल में कलेक्टर निरीक्षण के लिए पहुंचे। कलेक्टर का रुतबा और जलवा जबरदस्त था। कलेक्टर को स्कूल में मिल रहे सम्मान को एक छोटा सा बच्चा काफी गौर से देख रहा था। बस, उस बच्चे ने तभी से ठान लिया कि वो भी यूपीएससी परीक्षा पास करके ऐसा ऑफिसर बनेगा। आपको बता दे कि सफीन ने वर्ष 2018 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में 570वीं रैंक हासिल की। उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली थी।

सफीन का परिवार आर्थिकरूप से कमजोर था, उसके पिता इलेक्ट्रिशियन थे। मां पहले डायमंड के कारखाने में काम करती थी, फिर उन्होंने शादी में रोटियां बनाने का काम किया। आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के चलते उनके लिए अपने सपने पूरे करना आसान नहीं था। गुजरात में पालनपुर जिले के कनोदर गांव के रहने वाले सफीन 10वीं तक गांव के सरकारी स्कूल से पढ़े जो कि गुजराती मीडियम था। उनके 10वीं में 92 फीसदी मार्क्स आए। प्रतिभाशाली छात्र होने के कारण उनका एडमिशन पालनपुर के एक प्राइवेट स्कूल में कम फीस में हो गया था।
जिसके बाद उन्होंने बीटेक की पढाई की। बीटेक के बाद सफीन ने कॉलेज प्लेसमेंट में न बैठकर यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया। वह दिल्ली गए। दिल्ली की कोचिंग, रहने व खाने का खर्चा उनके इलाके के एक बिजनेसमैन ने किया जिन्हें सफीन की प्रतिभा पर काफी भरोसा था।
उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया, ‘यूपीएससी मेन्स के दिन सुबह 8 बजे मेरा एक्सीडेंट हो गया था। जीएसटी का पेपर था। एक हाथ घायल था। लेकिन राइड हैंड सेफ था। लेकिन मैंने परीक्षा लिखने का फैसला किया। 23 मार्च को मेरा इंटरव्यू था। 20 फरवरी को बॉडी में इंफेक्शन होने की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। काफी तेज फीवर था। 1 मार्च को ठीक हो गया। 2 मार्च को दिल्ली आया। 3 मार्च को फिर से टांसिलएटाइस का अटैक हुआ। फिर अहमदाबाद में अस्पताल में भर्ती हुआ।
15 मार्च को अस्पताल से छुट्टी मिली। फिर 16 मार्च को दिल्ली वापस आया। मेरे साथी एक माह से इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे। लेकिन मेरे अंदर पूरा कॉन्फिडेंस था। मैंने इसे एक खुद को प्रूव करने के मौके के तौर पर लिया। पूरे इंडिया में मेरे सेकेंड हाईस्ट मार्क्स आए थे। यूपीएससी आपकी सिर्फ नॉलेज चेक नहीं कर सकता।’ साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि वे IAS ज्वॉइन करना चाहते थे। लेकिन UPSC में कम मार्क्स की वजह से उन्हें आईपीएस आईपीएस अफसर के तौर पर ही देश सेवा करने का फैसला किया