पिछले कुछ दिनों से जिस तरह भारतीय जाँच एजेंसियों ने अपने जाँच का दायरा बढ़ाते हुए WAZIRX और VAULT जैसे कपनियों के बैंक रिज़र्व को फ्रीज कर दिया था, उससे क्रिप्टो मार्किट में फिर से एक मंदी का दौर शुरू हो चूका हैं।
लेकिन आपको बता दें कि cryptocurrency और Blockchain जैसी टेक में रूचि रकने वालों के लिए अमेरिकी शेयर बाजार रेगुलेटर की तरफ से खुशखबरी भी आ रही हैं जिससे इन्वेस्टर्स को नया बुल्ल रन देखने को मिल सकता हैं इवन अच्छा खाशा प्रॉफिट कमाया जा सकता हैं।
दरअसल अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी सर्विसेज शुरू करने की योजना बना रहे बैंकों के लिए अतिरिक्त गाइडलाइंस जारी की हैं
आपको बता दें कि क्रिप्टो सेगमेंट को लेकर कई देशों में रेगुलेटर्स ने स्क्रूटनी बढ़ाई है. अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़ी सर्विसेज शुरू करने की योजना बना रहे बैंकों के लिए अतिरिक्त गाइडलाइंस जारी की हैं. इनमें कहा गया है कि बैंकों को सर्विसेज शुरू करने से पहले फेडरल रिजर्व को जानकारी देनी होगी और यह पक्का करना होगा कि इन सर्विसेज की कानून के तहत अनुमति है.

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने एक स्टेटमेंट में कहा कि क्रिप्टोकरेंसीज से बैंकों को बिजनेस बढ़ाने के मौके मिल सकते हैं. हालांकि, यह पक्का करने की जरूरत है कि इन सर्विसेज के लिए ऐसा सिस्टम मौजूद हो जिससे इस अधिक रिस्क वाले एसेट से कंज्यूमर्स के हितों को नुकसान न पहुंचे. पहले से क्रिप्टो सर्विसेज दे रहे बैंकों को भी फेडरल रिजर्व को इसकी जानकारी देने को कहा गया है. Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, इन गाइडलाइंस के तहत बैंकों को ये सर्विसेज शुरू करने से पहले पर्याप्त रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम रखने होंगे. हाल ही में बहुत से डेमोक्रेट सीनेटर्स ने ऑफिस ऑफ कंट्रोलर ऑफ द करेंसी (OCC) से क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर सख्त रेगुलेशंस बनाने की मांग की थी.
पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टो मार्केट में स्लोडाउन और कुछ अन्य कारणों से बिकवाली हो रही है. इससे क्रिप्टोकरेंसीज के प्राइसेज घट गए हैं और इनवेस्टर्स को बड़ा नुकसान हुआ है. क्रिप्टो मार्केट में मंदी के कारण इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं. बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था. अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म का कहना है कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है. इस फैसले से एक्सचेंज के 1,000 से अधिक एंप्लॉयीज की छंटनी होने का अनुमान है.